2025 में 6G की पहली झलक भारत ने लॉन्च किया पहला 6G टेस्टबेड – अब दुनिया सीखेगी हमसे!

2025 का साल भारत के लिए तकनीकी क्षेत्र में ऐतिहासिक बन गया है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का पहला 6G टेस्टबेड लॉन्च किया, जो भारत को अगली पीढ़ी की वायरलेस तकनीक यानी 6G में वैश्विक नेता बनने की दिशा में ले जाएगा।

bharat 6g testbed launch 2025

6G तकनीक क्या है और यह 5G से कितनी आगे है?

6G तकनीक, जो कि अभी शोध और परीक्षण के चरण में है, 5G से कई गुना तेज़ और स्मार्ट होगी। 6G की स्पीड 1 Tbps (टेराबिट प्रति सेकंड) तक हो सकती है, जो इसे अत्यधिक डिवाइसेज को जोड़ने और real-time सेवाओं के लिए उपयुक्त बनाएगी।

5G बनाम 6G – तकनीकी तुलना तालिका

फीचर5G6G (अनुमानित)
स्पीड10 Gbps तक1 Tbps तक
Latency1-10 milliseconds0.1 milliseconds
नेटवर्क क्षमताHighUltra High
तकनीकी फोकसIoT, AR/VRAI, Holography
वाणिज्यिक उपयोगचालू (2022+)अनुमानित (2028+)

क्यों खास है भारत का 6G टेस्टबेड?

इस टेस्टबेड के जरिए भारतीय स्टार्टअप्स, यूनिवर्सिटी, और इंडस्ट्रीज 6G से जुड़ी रिसर्च कर सकेंगी। यह एक ओपन प्लेटफॉर्म होगा जहां:

  • 6G रेडियो वेव्स और फ्रिक्वेंसी पर टेस्टिंग होगी
  • AI के जरिए नेटवर्क मैनेजमेंट विकसित किया जाएगा
  • भारतीय उपयोगकर्ताओं की जरूरतों के मुताबिक तकनीक तैयार की जाएगी

किन संस्थानों ने मिलकर किया 6G टेस्टबेड विकसित?

भारत के इस 6G मिशन में निम्नलिखित संस्थानों ने भाग लिया:

  • IIT मद्रास – नेटवर्क और प्रोटोकॉल रिसर्च
  • IIT दिल्ली – रेडियो वेव टेक्नोलॉजी
  • CDOT (Centre for Development of Telematics) – टेलीकॉम हार्डवेयर
  • IISC बेंगलुरु – AI इंटीग्रेशन रिसर्च

प्रधानमंत्री का क्या कहना है?

लॉन्च के मौके पर पीएम मोदी ने कहा:

“भारत अब तकनीक का उपभोक्ता नहीं बल्कि निर्माता बन गया है। हमारा 6G टेस्टबेड आने वाले वर्षों में दुनिया को दिशा दिखाएगा।”

स्टार्टअप्स और छात्रों के लिए सुनहरा मौका

सरकार ने इस टेस्टबेड को “ओपन एक्सेस” बनाया है, यानी कि कोई भी स्टार्टअप या टेक्निकल संस्थान इसपर अपना 6G प्रयोग कर सकता है। सरकार ने ₹12,000 करोड़ का विशेष फंड भी जारी किया है ताकि 6G इनोवेशन को बढ़ावा दिया जा सके।

क्या होगा आगे का प्लान?

  • 2025–26: भारत में पायलट 6G नेटवर्क की शुरुआत
  • 2027 तक: ग्रामीण भारत में ट्रायल नेटवर्क
  • 2028–29: कमर्शियल 6G रोलआउट की शुरुआत

6G के संभावित उपयोग

  • Real-time Holographic Video Calls
  • Smart Cities में Ultra-Fast Connectivity
  • Autonomous Vehicles के लिए zero-latency नेटवर्क
  • AI-driven Internet of Everything (IoE)

क्या भारत बनेगा 6G का अगला लीडर?

बिलकुल! जिस तरह से भारत ने 5G में तेज़ी दिखाई और अब 6G टेस्टबेड लॉन्च किया है, वह इसे वैश्विक तकनीकी मानचित्र पर लीडर बना सकता है। यह पहल न केवल देश की छवि को मजबूत करेगी, बल्कि डिजिटल रोजगार और शिक्षा में भी क्रांति लाएगी।

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